– किसी भी मीडिया समूह पर अबतक का सबसे बड़ा आयकर छापा
– 800 से ज्यादा अधिकारियों की टीम ने एक साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान के ठिकानों पर कार्रवाई की
– विदेशी निवेश पर नजर
– 2015 में आरबीआइ लगा चुका डीबी कॉर्प पर बिना इजाजत के विदेश निवेश न लेना का प्रतिबंध
जयपुर. मीडिया समूह दैनिक भास्कर के देशभर के 40 ठिकानों पर गुरुवार को आयकर विभाग ने एकसाथ छापेमारी की। समूह के पांच राज्यों में स्थित कार्यालयों के बाहर आयकर अधिकारियों ने बुधवार रात तीन बजे ही ढेरा जमा लिया था और स्थानीय पुलिस बल की मदद से सुबह पांच बजे छापे की कार्रवाई शुरू कर दी। छापेमारी में 800 से अधिक आयकर अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल हैं। दैनिक भास्कर के मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान के कार्यालयों और निदेशकों के अवास पर कार्रवाई की गई। भास्कर के जेएलएन मार्ग स्थित जयपुर मुख्यालय पर सुबह 30 से अधिक आयकर विभाग के अधिकारी और पुलिसकर्मी पहुंचे। कार्रवाई में टीम के हाथ कई दस्तावेज लगे हैं, जिनकी जांच आइटी मुंबई कार्यालय में होगी। राजस्थान में आयकर विभाग की यह कनेक्टिंग सर्च है।
कई सेक्टर्स में सक्रिया है ग्रुप
विभागीय सूत्रों के अुनसार दैनिक भास्कर समूह ने अपनी सहयोगी कंपनियों के जरिए टैक्स चोरी की है। गौरतलब है कि प्रिंट और डिजिटल मीडिया के अलावा दैनिक भास्कर समूह कई अन्य व्यवसायों में भी सक्रिय है। विभाग कंपनियों के वित्तीय लेन-देन से जुड़े दस्तावेजों को जब्त कर कार्रवाई कर रहा है।
विदेशी निवेश पर नजर
आयकर विभाग को जांच में अबतक जो कागजात मिले हैं, उसमें ग्रुप का विदेशी निवेश भी रडार पर है। दरअसल 2010 में सूचीबद्ध होने बाद डीबी कॉर्प में भारी संख्या में विदेशी निवेश आया था, यह सिलसिल 2015 तक चला, जिसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डीबी कॉर्प पर बिना इजाजत के विदेशी निवेश लेने पर रोक लगा दी थी। उस दौरान सिंगापुर सरकार और वहां की कंपनी अमांसा कैपिटल ने एक साथ लाखों शेयर डीबी कॉर्प के खरीदे थे।
जांच में लिया जा सकता है ईडी का सहयोग
आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद गु्रप के दस्तावेजों में मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा)के उल्लंघन की जांच के लिए प्रर्वतन निदेशालय का सहयोग लिया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि कोविड महामारी के दौरान अभिनेता सोनू सूद की एक कंपनी ‘ गुड वर्कर्सÓ बनाई थी, जिसने सिंगापुर सरकार के विनिवेश विभाग में 250 करोड़ का निवेश किया था, इस निवेश में भी डीबी कॉर्प के तार जुड़ रहे हैं।
लिस्ट होने से पहले था 130 करोड़ का कर्ज
गौरतलब है कि डीबी कॉर्प पर लिस्टेड न होने से पहले 130 करोड़ का कर्ज था, जिसे कंपनी ने आईपीओ लाने के बाद कम किया। हालांकि लिस्टेड होने के बाद से कंपनी में भारी मात्रा में विदेशी निवेश आया और कंपनी ने सिंगापुर व अन्य देशों में निवेश भी किया।
सीबीडीटी ने नहीं दिया ब्यान
इस मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने कहा है, छापेमारी में प्रमुख हिंदी मीडिया समूह के प्रमोटर भी शामिल हैं, जो कई राज्यों में संचालन करते हैं।
कुछ ही समय में दूसरी कार्रवाई
हाल के महीनों में यह दूसरी बार है जब आर्थिक अपराधों के सरकारी दावों पर एक मीडिया समूल पर छापा मारा गया है।
इससे पहले फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने कई दिनों तक दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े कई अधिकारियों और पत्रकारों के आवासों पर छापेमारी की थी।