नई दिल्ली। अग्रणी डॉक्टर्स ने भारत में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (cardiovascular disease) एवं दिल के दौरे के बढ़ते भार को रोकने के लिए पैकेजड फूड प्रोडक्ट्स के लिए अनिवार्य फ्रंट पैकेज लेबल की मांग की है। एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) और जीएमसी कॉलेज, श्रीनगर द्वारा एड्रेसिंग कार्डियोवैस्कुलर डिजीजेज (cardiovascular disease) थ्रू फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग इन इंडिया पर आयोजित एक राष्ट्रीय सत्र में भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने सरल उपायों जैसे फ्रंट-ऑफ पैकेज लेबल (एफओपीएल) की जरूरत पर बल दिया, जिससे देश में खाना खाने की आदतों में बड़ा परिवर्तन आ सके और एनसीडी के संकट को दूर किया जा सके।
4 में से एक भारतीय को 70 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले एनसीडी के कारण मौत
डॉ. सलीम खान, एचओडीए कम्युनिटी मेडिसीन, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर ने बताया कि कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (cardiovascular disease) जानलेवा बनकर उभरी है और लगभग 5.8 मिलियन लोग या 4 में से एक भारतीय को 70 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले एनसीडी के कारण मौत का शिकार होने का जोखिम है। इनमें से 28 प्रतिशत से ज्यादा मौतें दिल के दौरे से होती है।