नई दिल्ली। कोविड-19 के मामलों में गिरावट के कारण कई राज्यों ने अनलॉक प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे जून के आखिरी सप्ताह में वस्तु एवं सेवा कर (goods and services Tax) (जीएसटी) के ई-वे बिल (e-way bill) बनने में तेजी आई है। इससे आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेत मिला है।
27 जून तक 4.74 करोड़ ई-वे बिल बने
एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के आईटी आधार जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के आंकड़ों के मुताबिक उसके पोर्टल पर 27 जून तक 4.74 करोड़ ई-वे बिल (e-way bill) बने हैं। इसका मतलब है कि रोजाना 17.5 लाख ई-वे बिल बने, जबकि 20 जून को समाप्त सप्ताह में रोजाना औसतन 16.4 लाख और उससे पिछले सप्ताह में 16.1 लाख बिल बने थे। 27 जून को खत्म हफ्ते में 1.46 करोड़ ई-वे बिल (e-way bill) बने, जो उससे पिछले सप्ताह में बने 1.19 करोड़ बिल (e-way bill) से 22.6 फीसदी अधिक थे।
मई में 3.95 करोड़ ई-वे बिल
मई में 3.95 करोड़ ई-वे बिल (e-way bill) बने, जो एक साल का सबसे कम आंकड़ा था। इसका मतलब है कि मई में रोजाना औसतन 12 लाख बिल बने। इसका आंशिक असर जीएसटी संग्रह पर भी दिखा, जो घटकर आठ महीनों के निचले स्तर 1.02 लाख करोड़ रुपये पर रहा। मई के जीएसटी संग्रह के आकड़े मुख्य रूप से अप्रैल में हुए लेनदेन या आपूर्ति पर आधारित हैं। मार्च में रोजाना औसतन 22.9 लाख ई-वे बिल बने थे।
50,000 रुपये से अधिक के माल के लिए ई-वे बिल आवश्यक
50,000 रुपये से अधिक के माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल (e-way bill) बनाना आवश्यक है, इसलिए यह अर्थव्यवस्था में मांग और आपूर्ति के रुझान का शुरुआती संकेत है। अर्थव्यवस्था कुछ देरी से वृहद आर्थिक संकेतक प्र्रदर्शित करती है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देशव्यापी लॉकडाउन का असर खत्म होने के बाद सितंबर से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखने लगे थे। पिछले अक्टूबर से ही जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से ऊपर बना हुआ है। देश में बिजली की खपत जून के पहले पखवाड़े में 9.3 फीसदी बढ़कर 55.86 अरब यूनिट रही। यह वाणिज्यिक और औद्योगिक विद्युत मांग में कुछ सुधार का संकेत है।