मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (National Company Law Arbitration) (एनसीएलटी) ने जेट एयरवेज के लिए जालान-कैलरॉक कंसोर्टियम की समाधान योजना को आज मंजूरी दे दी लेकिन पूर्व में आवंटित हवाई अड्डों के स्लॉट की मांग को खारिज कर दिया। जेट एयरवेज (Jet Airways) का परिचालन ठप होने और ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया प्रक्रिया (Insolvency and Bankruptcy Process) शुरू होने के ठीक दो साल बाद एनसीएलटी का यह आदेश आया है। हालांकि विमानन कंपनी का परिचालन कंसोर्टियम और सरकार के साथ हवाई अड्डों के स्लॉट जारी करने की बातचीत पर निर्भर करेगा।
विमानन कंपनी का परिचालन शुरू करने के लिए 90 दिन का वक्त
जनाब मोहम्मद अजमल और वी नल्लासेनपति के पीठ ने शर्तों के साथ समाधान योजना को मंजूरी दी है। पीठ ने कहा कि स्लॉट के आवंटन पर उपयुक्त प्राधिकरण विचार करेगा। कंसोर्टियम के पास सभी नियामकीय मंजूरियां हासिल करने और औपचारिकताएं पूरी करने और विमानन कंपनी का परिचालन शुरू करने के लिए 90 दिन का वक्त होगा। हालांकि जरूरत पडऩे पर विमानन कंपनी पंचाट से अतिरिक्त समय मांग सकती है।
कंसोर्टियम के पास 89.79 फीसदी हिस्सेदारी
भारी कर्ज बोझ के कारण अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज (Jet Airways) का परिचालन ठप हो गया था। कंपनी को बेचने का दो बार प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं बनी। पिछले साल अक्टूबर में कैलरॉक-मुरारी लाल जालान कंसोर्टियम के प्रस्ताव को ऋणदाताओं की समिति ने 99 फीसदी मतों के साथ मंजूरी दी थी। जालान दुबई में प्रवासी भारतीय कारोबारी हैं और कैलरॉक कैपिटल वित्तीय सलाहकार और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी है।
जेट पर करीब 15,000 करोड़ रुपये का बकाया दावा
जेट पर करीब 15,000 करोड़ रुपये का बकाया दावा स्वीकृत है जबकि कंसोर्टियम ने अगले पांच साल में ऋणदाताओं को करीब 12,000 करोड़ रुपये देने और 25 विमानों के बेड़े के साथ जेट एयरवेज (Jet Airways) को पूर्ण सेवा वाली विमानन कंपनी के रूप में फिर से चालू करने का प्रस्ताव दिया है। समाधान योजना के अनुसार बैंकों को विमानन कंपनी में 9.5 फीसदी हिस्सा मिलेगा जबकि सार्वजनिक शेयरधारिता घटकर 0.21 फीसदी रह जाएगी। कंसोर्टियम के पास 89.79 फीसदी हिस्सेदारी होगी।