एलआईसी ने सरकारी बैंक आईडीबीआई की 51 फीसदी में हिस्सेदारी अपने नाम कर ली है। बीमा नियामक आईआरडीएआई ने इसकी मंजूरी पहले ही दे दी थी।
जयपुर. जीवन बीमा निगम आखिरकार बैंकिंग क्षेत्र में उतर ही गया। एलआईसी ने सरकारी बैंक आईडीबीआई की 51 फीसदी में हिस्सेदारी अपने नाम कर ली है। बीमा नियामक आईआरडीएआई ने एलआईसी को इसकी मंजूरी पहले ही दे दी थी। मंजूरी मिलने के बाद एलआईसी ने आईडीबीआई बैंक के 82,75,90885 शेयर खरीद लिए हैं। इस डील के साथ ही अब इस बैंक पर एलआईसी का स्वामित्व हो गया है। आईडीबीआई बैंक के लगभग 1.5 करोड़ रिटेल कस्टमर्स और 18000 कर्मचारी हैं। रेग्युलेटरी फाइलिंग में बैंक ने कहा कि बैंक की 1800 ब्रांचेस को एलआईसी पॉलिसीज बेचने के लिए टच प्वाइंट्स के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एलआईसी ने आईडीबीआई के प्रति शेयर 60.73 रुपए के हिसाब से खरीदे हैं। बीमा नियामक आईआरडीएआई से मंजूरी मिलने के बाद से ही आईड़ीबीआई बैंक ने एलआईसी को बैंक के प्रमोटर के रूप में मान्यता दे दी थी। एक्सपट्र्स बताते हैं कि एलआईसी काफी समय से बैंकिंग सेक्टर में जगह बनाना चाह रही थी। लगभग सभी सरकारी बैंकों में उसकी कुछ न कुछ हिस्सेदारी हैं ही. हाल ही जब पीएनबी घोटाला सामने आया तो यह बात भी सामने आई कि इस घोटाले से एलआईसी को बहुत बड़ा घाटा हुआ है। इकोनॉमिस्ट ने इस डील को एलआईसी के लिए फायदेमंद नहीं बताया है। सलाहकारों का कहना है कि आईआरडीबी का कर्ज बहुत अधिक है। इसका बुरा असर एलआईसी पर भी पड़ेगा।
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