नई दिल्ली। सिटी बैंक (CITI bank of america) के भारतीय कारोबार की परिसंपत्ति खरीदने के लिए देश के बाकी बैंकों में होड़ लग सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि तकरीबन हर भारतीय बैंक (Indian bank) इसके लिए प्रयास करेगा। परंतु यह प्रक्रिया जल्दबाजी मेंं पूरी नहीं होगी और इसे पूरा होने में एक वर्ष से अधिक वक्त लग सकता है। फिलहाल गतिविधियां पहले जैसी ही चलेंगी और लोग चाहें तो अभी भी सिटी बैंक में खाता खोल सकते हैं और अहर्ता होने पर क्रेडिट कार्ड भी पा सकते हैं।
आवास ऋण में कुल खुदरा में उसकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत
सिटी इंडिया (Citi bank India) के सीईओ आशु खुल्लर (CEO Ashu Khullar) ने ईमेल के जरिए एक वक्तव्य में कहा, ‘हमारे कामकाज में तत्काल कोई तब्दीली नहीं आ रही है न ही हमारे सहकर्मी इस घोषणा से तत्काल प्रभावित होने वाले हैं। इस बीच हम अपने ग्राहकों को पूरी शिद्दत और समर्पण से पहले की तरह सेवा देना जारी रखेंगे।’ सिटी बैंक (CITI bank) के कार्ड कारोबार को खरीदने की दृष्टि से सबसे आकर्षक माना जा रहा है।
कुल खर्च में उसकी हिस्सेदारी 6 फीसदी
गत 16 अप्रैल को जारी एक नोट में वित्तीय सेवा कंपनी जेफरीज के प्रखर शर्मा, परमेश्वरन सुब्रमण्यन और भास्कर बसु ने लिखा, ‘भारत के खुदरा क्षेत्र में सिटी बैंक ने क्रेडिट कार्ड कारोबार में मजबूत उपस्थिति दर्ज की है और कुल खर्च में उसकी हिस्सेदारी 6 फीसदी है। आवास ऋण में कुल खुदरा में उसकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है जबकि जमा बचत में 1.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ वह काफी अच्छी स्थिति में है।’
सिटी कार्ड ने 26.4 लाख क्रेडिट कार्ड और 16.6 लाख डेबिट कार्ड जारी किए
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार सिटी कार्ड (CITI card) ने 26.4 लाख क्रेडिट कार्ड और 16.6 लाख डेबिट कार्ड जारी किए हैं और फरवरी 2021 के अंत तक वह देश में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंकों में छठे नंबर पर था। आंकड़ों के मुताबिक सिटी बैंक (CITI bank) के हर क्रेडिट कार्ड से औसतन 11,630 रुपये व्यय किए जाते हैं। जबकि सिटी बैंक (CITI bank Credit card) समेत देश के समस्त क्रेडिट कार्ड का औसत व्यय 9,790 रुपये है। सिटी बैंक को हटा देने पर यह 9,708 रुपये रह जाता है। जाहिर है सिटी बैंक (CITI bank) का औसत शेष बैंकों से 20 फीसदी अधिक है।