नई दिल्ली। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए (Pension Fund Regulatory PFRDA) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System) (एनपीएस) (NPS) के अंशधारकों को बेहतर विकल्प देने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में इस योजना के तहत अंशधारकों को अपेक्षाकृत कम सालाना रिटर्न मिलता है। विशेषज्ञों ने कहा कि प्रस्तावित कदम से निवेशकों को निकासी के समय अपने पेंशन कोष का उपयोग करने में ज्यादा लचीलापन मिलेगा। लेकिन एन्युटी से पूरी तरह बाहर होने पर उन्हें दीर्घावधि रिटर्न से वंचित होना होगा।
40 फीसदी जमा राशि एन्युटी कोष में रखना होगा
पीएफआरडीए (PFRDA) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा कि वर्तमान में प्रत्येक अंशधारकों को जिनकी कुल निवेशित राशि सेवानिवृत्ति या 60 साल की आयु तक दो साल रुपये से अधिक रहती है, उन्हें 40 फीसदी जमा राशि एन्युटी कोष में रखना होगा है, जिससे कर और मुद्रास्फीति को समायोजित करने पर उनका रिटर्न ऋणात्मक हो जाता है। एन्युटी योजना (Annuity plan) में कोष हस्तांतरित करने पर कर नहीं लगता है लेकिन निकासी के समय कर देनदारी होती है जो निवेशक के आयकर दायरे पर निर्भर करता है।
एन्युटी योजना पर रिटर्न 5 से 6 फीसदी के दायरे में
उन्होंने कहा, ‘हम भुगतान योजना पर विचार कर रहे हैं। 60 साल या सेवानिवृत्ति के बाद, 40 फीसदी राशि एन्युटी योजना में लगाना अनिवार्य है। एन्युटी (Annuity plan) का भुगतान आईआरडीएआई नियंत्रित बीमाकर्ताओं द्वारा किया जाता है। एन्युटी ब्याज दर के हिसाब से होती है जिसमें हाल के समय में भारी गिरावट आई है।’ बंद्योपाध्याय ने कहा कि एन्युटी योजना (Annuity plan) पर रिटर्न 5 से 6 फीसदी के दायरे में मिलता है लेकिन अधिकांश बीमाकर्ता 5 से 5.5 फीसदी ब्याज देते हैं।
एन्युटी और चरणबद्घ निकासी का मिश्रित विकल्प
उन्होंने कहा, ‘अगर आप कर और मुद्रास्फीति की दर को देखें तो वास्तविक रिटर्न ऋणात्मक हो जाता है। हम अपने अंशधारकों को 40 फीसदी अपने पेंशन कोष प्रबंधकों के साथ बनाए रखने का विकल्प देने पर विचार कर रहे हैं। हमारे पर चरणबद्घ निकासी योजना है और साथ ही एन्युटी और चरणबद्घ निकासी का मिश्रित विकल्प भी है। हम अन्य देशों में अपनाए जा रहे मॉडल का भी अध्ययन कर रहे हैं।’