नई दिल्ली। नैशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव ऑन टेलीकम्युनिकेशंस (National Security Directive on Telecommunications) (एनएसडीटी) (NSDT) दूरसंचार उपकरणों के व्यापक दायरे जैसे कि कोर, ऐक्सेस, परिवहन, सपोर्ट और ग्राहकों के परिसरों में लगे उपकरणों की जांच-परख करने की योजना बना रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन उपकरणों को ‘विश्वसनीय उत्पाद’ का तगमा दिया जा सके।
नीति इस साल 15 जुलाई से लागू होगी
सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Security) ने पिछले साल दिसंबर में इन निर्देशों को मंजूरी दी थी। इसका मकसद था कि दूरसंंचार ऑपरेटर (Telecom operators) केवल वैसे नए उत्पादों या उपकरणों (चाहे भारतीय हों या विदेशी) को जोड़ेंगे, जिन्हें ‘विश्वसनीय उत्पाद’ का तमगा दिया गया हो। उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में दूरसंचार पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (National Security Committee on Telecommunications) (एनएससीटी) (NSDT) की मंजूरी के बाद संबंधित प्राधिकरण वेंडर को उपकरणों के लिए विश्वसनीय स्रोत का तमगा देगा। यह नीति इस साल 15 जुलाई से लागू होगी।
100 फीसदी सुरक्षित होना आवश्यक
दूरसंचार ऑपरेटरों (Telecom operators) द्वारा विश्वसनीय श्रेणी में नहीं आने वाले उपकरणों, पुर्जों या सॉफ्टवेयर का उपयोग की अनुमति मांगे जाने पर एनएससीटी को उनके मामलों के अनुसार छूट देने के अधिकार प्रदान करने के लिए हितधारकों के साथ चर्चा की जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, गृह मंत्रालय, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्घन विभाग, दूरसंचार विभाग और उद्योग के प्रतिनिधियों तथा स्वतंत्र विशेषज्ञ इस पर बातचीत कर रहे हैं। इस पर भी चर्चा की जा रही है कि किसी उपकरण के निश्चित प्रतिशत तक सुरक्षित कंपोनेंट होने पर उसे विश्वसनीय उत्पाद माना जाए या इसके लिए 100 फीसदी सुरक्षित होना आवश्यक है।
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