cp.reporter. jaipur
Five important Medical Tests for Women in Their 40s: 40 की उम्र यानी कई तरह की बीमारी बैठे बिठाये मिलना। खास कर फीमेल्स को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। हार्मोनल चेंजेज़ भी इसी उम्र से शुरू होने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि खुद को आफ्टर 40 भी चुस्त दुरुस्त बनाये रखने के लिए सजग रहा जाय। इसके लिए जरूरी है कि कुछ मेडिकल टेस्ट एतिहातन कराए जाएं जो संभावित बीमारियों को समय पर पकड़ लें और उनका इलाज किया जा सके। इसलिए कुछ टेस्ट जो खास तौर से 40 प्लस फीमेल्स के लिए जरूरी हैं, करना ही चाहिए।
5 मेडिकल टेस्ट
ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग : 40 के बाद ब्रेस्ट कैंसर के होनेके चान्सेस ज्यादा होते है इसलिए समय रहते इसकी जांच करते रहें। इसके लिए मेमोग्राफी करना होगा। हर 2 साल पर ये जांच करा लेनी चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग: पेप स्मीयर टेस्ट सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए किया जाता है। वैसे तो इसकी जांच 30 के बाद से ही हर पांच साल पर करना चाहिए लेकिन 40 के बाद तो ये जरूरी टेस्ट में शामिल होना ही चाहिए। 65 साल के होने तक सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। ये टेस्ट यूट्रेस और यूट्रेस सी जुड़ी नलियों में होने वाले इंफेक्शन और सूजन को पता करने किये होता है।
साइकोलॉजिकल स्क्रीनिंग: सुनने में भले ही ये लगता हो कि इसकी जरूरत क्या लेकिन इसे हल्के में लेने की भूल न करें। आफ्टर 40 मूड स्विंग के कारण डिप्रेशन के साथ कई और प्रॉब्लम जुड़ने लागती हैं। नींद न आना, चिड़चिड़ापन, जीने की इच्छा की कमी जैसे लक्षण अचानक से गंभीर हो कर सामने आते हैं। ये सब 75 प्रतिशत फीमेल्स में होता ही है क्योंकि हार्मोनल चेंजेस के कारण
ऐसा होना पोसिबल है। इसके लिए स्क्रीनिंग टेस्ट होता है जिनमे साइकोलॉजी से जुड़े प्रश्नों के आधार पर डॉक्टर्स इलाज करते हैं।
ओस्टियोपोरोसिस टेस्ट: वैसे तो अब ये किसी भी उम्र में होने लगा है लेकिन आफ्टर 40 इसका इफेक्ट तेज़ी से होता है। हड्डियों मका भुरभुरापन इस बीमारी की मुख्य वजह है। कैल्शियम और फॉस्फोरस की शरीर मे होती कमी के कारण शरीर अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए हड्डियों से कैलशियम लेने लगता है और परिणामस्वरूप हड्डियां पावडर बनने लगती है औरहलकी चोट से भी हड्डी टूटने और स्लिप डिस्क जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि ओस्टियोपोरोसिस का टेस्ट जरूर कराया जाय।
थाइरॉइड टेस्ट: इसकी जांच की भी कोई उम्र वैसे तय नही लेकिन जरूरी है कि आफ्टर 40 इसकी जांच जरूरी है। थाइरॉइड धीरे धीरे पूरी बॉडी के सिस्टम पर अटक करता है और फिज़िकली ही नही मेंटली भी प्रॉब्लम क्रिएट करता है।