अलवर। मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र (Fishery industrial area) में स्थित रेडियो अलवर (Radio alwar) की आवाज एवं इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (Voice and Institute of Engineering and Technology) में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम की कड़ी आज आईईटी कॉलेज में बदलते परिवेश में नारी की भूमिका पर यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता आई ई टी ग्रुप की कार्यकारी निर्देशक डॉ मंजू अग्रवाल ने की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अलवर जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम थी।
महिलाओं में अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों की भूमिका से अवगत कराना
कार्यक्रम संयोजक एवं संचालक प्रो अल्पना विश्नोई ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों की भूमिका से अवगत कराना है। मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए तेजस्विनी गौतम ने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरूरी है कि अपनी बात निर्भीकता एवं शालीनता से साझा करें गलत को इंकार करें। गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ शिखा तिवारी ने कहा कि जीवन में कुछ करने के लिए उम्र और परिस्थितियां कभी आड़े नहीं आती है।
सास के प्रोत्साहन से मुकाम हासिल किया
देसूला विद्यालय प्राचार्य विमलेश डूडी ने अपने जीवन के संघर्ष के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उनके जीवन की सफलता का राज उनकी अनपढ़ सास है। जिनके प्रोत्साहन से वह आज यह मुकाम हासिल कर पाई है। वहीं संस्था से जुड़ी कमलेश बेबाकी से बताया कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर होती हैं तो उन्हें अधिकार प्राप्त होते हैं। सुशीला खंडेलवाल ने बताया कि भाषाओं का बंधन होते हुए भी वह विश्व के 24 देशों में अपनी कला से अपनी पहचान कायम कर चुकी है।
औरत ही पूर्ण है… वह ही अन्नपूर्णा रक्षक और तेजस्विनी
आईआईटी प्रो, डॉ, अनिल कुमार शर्मा ने विचार रखते हुए बताया कि महिला व पुरुष दोनों समाज के दो पहिए हैं और दोनों की गति सामान रहना जरूरी है। कार्यक्रम के वरिष्ठ अतिथि सामाजिक चिंतक राजेश कृष्ण सिद्ध ने अपने विचार रखते हुए कहा कि केवल औरत ही पूर्ण है क्योंकि वह ही अन्नपूर्णा रक्षक और तेजस्विनी है। अंत में कार्यक्रम का अध्यक्षीय भाषण देते हुए डॉ मंजू अग्रवाल ने सब का आभार प्रकट करते हुए बताया कि व्यवसाय और परिवारिक जीवन में तालमेल बैठाने में औरत कुशल प्रबंधक होती है। कार्यक्रम में डॉ अनूप प्रधान, डॉ अरुणा बंसल, डॉ मधुबाला शर्मा, डॉक्टर जी जय बालन, डॉक्टर नीरज सिंह, प्रो हरप्रीत सिंह, डॉ सुनीता, एडवोकेट सीमा मदान, चंचल गुप्ता, प्रेरणा गुप्ता, शिवानी सिंह, आदि ने अपने विचार साझा किए।