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लाभ वाली फर्मों का निजीकरण!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार अपने पहले रुख से पलटते हुए मुनाफा कमाने वाले उपक्रमों के निजीकरण नीति पर आगे बढ़ सकती है। इससे पहले सरकार ने घाटे वाली सार्वजनिक इकाइयों को बंद करने या विलय करने की बात कही थी। सरकार की वैचारिक संस्था नीति आयोग (NITI Aayog) निजीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया में है। इसकी संभावना जताई जा रही है कि पहली सूची में गैर-रणनीतिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ वे कंपनियां शामिल हो सकती हैं जिनमें हिस्सा बेचने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है।

पहली सूची में गैर-रणनीतिक क्षेत्र की फर्में

मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘छांटी गई कंपनियों को 3-4 किस्तों में लाया जाएगा और पहली सूची में गैर-रणनीतिक क्षेत्र की फर्में होंगी। उसके बाद रणनीतिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण या विनिवेश पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि इस बारे में पहली रिपोर्ट अप्रैल के पहले हफ्ते में आने की उम्मीद है।

मुद्रीकरण नीति के लिए सरकार की नई रणनीति के अनुरूप

नीति आयोग (NITI Aayog) का दृष्टिकोण विनिवेश और संपत्तियों के मुद्रीकरण नीति के लिए सरकार की नई रणनीति के अनुरूप है, जिसमें निजीकरण पर स्पष्ट ध्यान रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निजीकरण के पक्ष में बयान देने के बाद कंपनियों को छांटे जाने की प्रक्रिया में तेजी आई है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार का काम कारोबार चलाना नहीं है और उन्होंने ‘मुद्रीकरण तथा आधुनिकीकरण’ का मंत्र दिया था।

वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य

सूत्रों के अनुसार नीति आयोग (NITI Aayog) की रिपोर्ट में सरकार के लिए बहुलांश हिस्सेदारी बेचने, रणनीति विनिवेश, चुनिंदा संपत्तियों का मुद्रीकरण या शेयर पुनर्खरीद की योजना और समयसीमा का खाका होगा। सूत्रों ने कहा कि इस योजना को अगले वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।

रणनीतिक बिक्री के मंजूर फर्में इस रिपोर्ट में शामिल

मंत्रिमंडल द्वारा रणनीतिक बिक्री के मंजूर फर्में इस रिपोर्ट में शामिल हो सकती हैं, जिनमें आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank), बीपीसीएल (BPCL), शिपिंग कॉर्पोरेशन (Shipping Corporation), कंटेनर कॉर्पोरेशन (Container Corporation), नीलाचल इस्पात निगम (Neelachal Ispat Nigam), पवन हंस (Pawan Hans) और एयर इंडिया (Air India) प्रमुख हैं। इनका विनिवेश वित्त वर्ष 2022 में पूरा होने की उम्मीद है। आईडीबीआई बैंक के अलावा सरकार अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों, दो बैंकों और एक बीमा कंपनी में भी हिस्सा बेच  सकती है।

नीति आयोग रणनीतिक क्षेत्र का मूल्यांकन

नीति आयोग (NITI Aayog) रणनीतिक क्षेत्र का मूल्यांकन करेगा और उसके अनुसार सूची तैयार करेगा। उक्त अधिकारी ने कहा, ‘रणनीतिक क्षेत्र की कंपनियों की सूची काफी लंबी है, जिसे छोटा करने की जरूरत होगी और कुछ फर्मों को इससे बाहर किया जा सकता है।’ नीति आयोग के सूत्रों ने कहा, ‘इस कदम का मकसद कंपनी का मूल्य पता करना और बेहतर मूल्यांकन एवं बेहतर इस्तेमाल के लिए संपत्तियों को सार्वजनिक करना है। इन कंपनियों का बेहतर तरीके से प्रबंधन करने और वैश्विक कार्यप्रणाली लाने के लिए निजी क्षेत्र के लिए जगह बनाने की सख्त जरूरत है।’ सूत्रों ने कहा कि कंपनियों के नामो ंपर अभी चर्चा चल रही है और दो-तीन हफ्ते में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। नीति आयोग के नेतृत्व में एक कार्यबल वित्त मंत्रालय (Finance ministry) और प्रधानमंत्री कार्यालय (Primeminister Office) को इस बारे में रिपोर्ट सौंपे सकता है।

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