मुंबई। Covid-19 की महामारी (Covid-19 pandemic) ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग भी इससे अछूता नहीं रहा है। महामारी के कारण यात्रा पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं, जिसका असर आईटी कंपनियों (IT Companies JOB) की नियुक्ति पर दिख रहा है। कंपनियां अब स्थानीय स्तर पर नियुक्तियों को तरजीह दे रही हैं, जिससे अगले कुछ साल में इस क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों की वीजा पर निर्भरता और भी कम हो सकती है।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने आव्रजन कानून बदलने वाले फैसलों को पलट दिया
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने डॉनल्ड ट्रंप की पिछली सरकार के समय में आव्रजन कानून बदलने वाले फैसलों को पलट दिया है। इन कानूनों का सबसे ज्यादा प्रभाव आईटी कंपनियों पर ही हुआ था। लेकिन आव्रजन के कानून सरल होने के बाद भी इन कंपनियों ने शायद एच1-बी और एल1 वीजा पर अपनी निर्भरता कम करने का तरीका खोज निकाला है।
10,938 स्थानीय कर्मचारी किए नियुक्त
देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) (टीसीएस) पिछले 6-7 साल से अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को नौकरी देती आई है। भारत में नियुक्तियों की अपनी रणनीति को ही वह अमेरिका में भी अमल में ला रही है और इसके लिए वह अमेरिका के कॉलेजों में जाकर छात्रों को नौकरी दे दही है। अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के बीच उसने कुल 10,938 स्थानीय कर्मचारी नियुक्त किए, जिनमें 3,000 से अधिक अक्टूबर से दिसंबर के बीच रखे गए थे। मानव संसाधन (एचआर) विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनी ने तीसरी तिमाही में सबसे अधिक नए लोगों की भर्तियां की हैं।
पांच वर्षों के दौरान टीसीएस ने 20,000 से अधिक लोग नियुक्त
पिछले पांच वर्षों के दौरान टीसीएस (Tata Consultancy Services) ने 20,000 से अधिक लोग नियुक्त किए हैं। यह बात कंपनी की वित्त वर्ष 2020 की सालाना रिपोर्ट में कही गई है। कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़ (Milind Lakad) ने रिपोर्ट में कहा, ‘इन कदमों से कार्य वीजा का इस्तेमाल पांच वर्ष पहले के मुकाबले काफी कम रह गया है। इससे हमारे कारोबार से जुड़ा जोखिम भी काफी हद तक कम हो गया है। भविष्य की बात करें तो एसबीडब्ल्यूएस की मदद से कई कार्य ऑनलाइन ही पूरा होने से एक जगह से दूसरी जगह जाने की जरूरत और कम हो गई है।’
12,000 अमेरिकी पेशेवर नियुक्त करने की योजना
इन्फोसिस के चेयरमैन एवं सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी (Infosys chairman and co-founder Nandan Nilekani) ने हाल में ही कहा था कि स्थानीय लोगों को अधिक तरजीह देने के बढ़ते चलन से कंपनियों को हरेक बाजार में अधिक सक्रियता दिखानी होगी। पिछले वर्ष इन्फोसिस (Infosys) ने कहा था कि अगले दो वर्षों के दौरान उसने 12,000 अमेरिकी पेशेवर नियुक्त करने की योजना तैयार की है और पांच वर्षों में अमेरिका में 25,000 लोग नियुक्त करेगी।
भारतीय कंपनियों को अपने ग्राहकों को बेहतर समझने में मदद
वैल्यू लीडरशिप ग्रुप के मुख्य कार्याधिकारी पीटर शुमाकर ने कहा कि अमेरिका में अधिक से अधिक कर्मचारी नियुक्त करने की भारतीय कंपनियों की योजना मोटे तौर पर कोविड और आव्रजन नियमों तक ही सीमित नहीं है। शुमाकर ने कहा, ‘ये सभी कंपनियां अपने संबंध बेहतर बनाकर अपने ग्राहकों के साथ अधिक तालमेल बैठाना चाहती है। ग्राहकों के इर्द-गिर्द ही ग्राहकों को रखने से भारतीय कंपनियों को अपने ग्राहकों को बेहतर समझने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें ग्राहकों को प्रभावित करने वाली परिसंपत्तियों में तेजी से कदम उठाने में मदद मिलेगी।’
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