शुक्रवार, सितंबर 20 2024 | 03:31:17 AM
Breaking News
Home / राजकाज / बढ़ रही बाबाओं की ख़्वाहिशें, योगी बन सकते हैं सीएम तो हम क्यों नहीं

बढ़ रही बाबाओं की ख़्वाहिशें, योगी बन सकते हैं सीएम तो हम क्यों नहीं

एट्रोसिटी मामले से चर्चा में आये संत देवकी नंदन ठाकुर ने भी न केवल राजनीतिक दल बना लिया बल्कि आनन फानन में भोपाल में ऑफिस भी खोल लिया। उनके हवाले से ऐलान भी हो गया कि वो पूरी 230 सीटों पर चुनाव लडेंगे।
जयपुर. चुनाव आते ही ढेरों राजनीतिक दलों का अचानक पैदा होना बहुत सामान्य सी बात है। हर चुनाव में कई सारे दल मु_ी भर लोगों के साथ पैदा होते हैं और चुनाव बीत जाने के बाद रसातल में पहुंच जाते हैं। एमपी में भी इन दिनों ऐसे ही कई नए राजनीतिक दल पैदा हुए हैं। दिलचस्प है कि इनमें खद्दरधारी लोगों के अलावा भगवा चोले वाले भी बहुत हैं। कंप्यूटर बाबा चुनाव लडऩा चाहते हैं। हालांकि उन्होंने पार्टी तो नहीं बनाई लेकिन संत समागम के नाम पर चाह रहे हैं कि कोई भी पार्टी बाबा.वैरागियों को कम से कम दस टिकट तो दे दे। एट्रोसिटी मामले से चर्चा में आये संत देवकी नंदन ठाकुर ने भी न केवल राजनीतिक दल बना लियाए बल्कि भोपाल में ऑफिस भी खोल लिया। उनके हवाले से ऐलान भी हो गया कि वो पूरी 230 सीटों पर चुनाव लडेंगे। दरअसल बाबाओं के मन में हिलोरें मारती महत्वाकांक्षा की मूल वजह है भगवा वेशधारी उमा भारती और फिर योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री बन जाना।
बाबाओं को लगता है कि जब ये बन सकते हैं तो वो क्यों नहीं। उस पर कुछ महीनों पहले सत्ता की अफीम बाबाओं को चटा दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब उन्होंने कंप्यूटर बाबा सहित चार.साधु संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया था। इनमें सबसे मुखर और सियासत की मलाई खाने को आतुर दिख रहे हैं कंप्यूटर बाबा। सियासी नशा उन्हें कब से लगा इसकी कहानी भी रोचक है। ये बाबा किसी मंझे हुए राजनेता की तरह सरकार की बांह मरोड़कर धमकाने में सिद्धस्त हैं। सरकार को लगातार धमकाने वाले कंप्यूटर बाबा ने अपना काम तब शुरू किया था जब वो एक साल पहले अपने समर्थकों के साथ मठ.मंदिरों की समस्या लेकर भोपाल के टीन शेड इलाके में धरने पर बैठे थे। जब पुलिस ने वहां से खदेड़ दिया तो वो आकर कमला पार्क चौराहे यानी मुख्यमंत्री निवास के लगभग मुहाने पर बैठ गए। पहले तो सरकार नरम रही और कलेक्टर को भेजा कि जाकर बाबाओं की बात सुने लेकिन कंप्यूटर बाबा अड़ रहे कि सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद आएं और ज्ञापन लें। जब बाबाओं की जिद्द बढऩे लगी तो सरकार ने नगर निगम की मदद से बाबाओं के मंडल और कंबल के ऊपर पानी की बौछार करवा दी और फर्श इतना गीला कर दिया कि बाबा बैठ भी न सकें। बस तभी से कंप्यूटर बाबा ने सरकार के सर्वनाश का संकल्प ले लिया। पहले उन्होंने मुख्यमंत्री की नर्मदा सेवा यात्रा पर सवाल खड़े किए और कहा कि वे पूरे प्रदेश में घूम.घूम कर शिवराज की पोल खोलेंगे। उन्होंने अवैध रेत खनन के मामले को भी प्रमुखता से उठाने की धमकी दी। जैसे ही माइनिंग पर कोई मुखर होता है, मुख्यमंत्री असहज हो जाते हैं। उनके दरबारियों की सलाह पर कंप्यूटर बाबा सहित चार और संतों को सरकार ने राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया।

Check Also

Chief Minister approved: New hospitals will be opened in different areas of the state, various hospitals will be upgraded

प्रत्येक ब्लॉक में महिला ग्राम सेवा सहकारी समिति का होगा गठन

मुख्यमंत्री ने किया प्रारूप का अनुमोदन, 10.53 करोड़ रुपए अंशदान राशि राज्य सरकार करेगी वहन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *