मुंबई। 30 शेयरों के प्रदर्शन का पैमाना यानी बंबई स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) (बीएसई) (BSE) का सेंसेक्स (Sensex) आज 50,000 अंक की मंजिल पार कर गया। सेंसेक्स (Sensex) ने यह उपलब्धि पहली बार हासिल की है और उस समय की है, जब कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) की वजह से देश को सकल घरेलू उत्पादन में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट झेलनी पड़ी है। दिन में कारोबार के दौरान सेंसेक्स (Sensex) 50,184 अंक तक पहुंच गया मगर बाद में वह 167.4 अंक की गिरावट के साथ 49,625 पर बंद हुआ।
मार्च 2020 से 92 फीसदी चढ़ चुका सेंसेक्स
पिछले साल मार्च में सेंसेक्स (Sensex) 2020 के न्यूनतम स्तर तक गिर गया था मगर उसके बाद से वह 92 फीसदी चढ़ चुका है। विदेशी निवेश (Foreign investment) और विकसित देशों द्वारा भारी-भरकम प्रोत्साहन पैकजों की घोषणा से बाजार में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। ठीक 10 महीने पहले कोरोना और लॉकडाउन के बीच किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि सूचकांक दोगुना हो जाएगा। लेकिन दुनिया भर में मौद्रिक और आर्थिक राहत पैकेजों (Financial relief package) की घोषणा से भारत सहित सभी उभरते बाजारों में लिवाली की आंधी चल पड़ी। इससे शेयरों का मूल्यांकन भी काफी ज्यादा बढ़ गया। सेंसेक्स (Sensex) इस समय 12 महीने की आय से 34 गुना पर कारोबार कर रहा है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक हर महीने 4 अरब डॉलर का निवेश
फिलहाल कोई मूल्यांकन की फिक्र नहीं कर रहा है क्योंकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक मई से हर महीने औसतन 4 अरब डॉलर का निवेश कर रहे हैं। जो बाइडन प्रशासन (Biden administration) द्वारा अमेरिका (America) में और राहत के उपायों की उम्मीद से नवंबर से विदेशी निवेशकों की लिवाली और बढ़ गई है। इसके साथ ही कोविड-19 टीका (Covid-19 vaccine) आने और आर्थिक गतिविधियों के साल के अंत तक सामान्य स्तर पर आने की उम्मीद से भी बाजार को बल मिला है।
तेज आर्थिक सुधार की उम्मीद से शेयर बाजार में मजबूती
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने कहा, ‘तेज आर्थिक सुधार की उम्मीद से पिछले कुछ महीनों में देसी शेयर बाजार में मजबूती देखी जा रही है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश और कंपनियों की मजबूत आय से भी हौसला बढ़ गया है। चर्चा है कि बजट में भी ऐसे उपाय हो सकते हैं, जिनसे बाजार को मजबूती मिलेगी।’