नई दिल्ली। महामारी की वजह से विमानन कंपनियों (Aviation companies) की उड़ानों पर लगी बंदिशें हटाने और उन्हें पूरी क्षमता के साथ उड़ान भरने की अनुमति देने का सरकार का इरादा दिखने लगा है। सूत्रों ने बताया कि सरकार इस मामले पर चर्चा कर रही है। मगर विमानन कंपनियां (Aviation companies) सरकार से फिलहाल ऐसा नहीं करने के लिए कह रही हैं यात्रियों की संख्या बढ़ती नहीं दिख रही है, इसलिए पूरी क्षमता से उड़ान भरना कंपनियों (Aviation companies) के लिए मुनाफे का सौदा नहीं होगा।
परिचालन क्षमता के मुकाबले 80 फीसदी क्षमता पर काम करने की इजाजत
इस समय विमानन कंपनियों (Aviation companies) को कोविड से पहले की परिचालन क्षमता के मुकाबले 80 फीसदी क्षमता पर काम करने की इजाजत दी गई है। मगर इंडिगो (Indigo Aviation companies) को छोड़कर कोई भी विमानन कंपनी (Aviation companies) 70 फीसदी क्षमता तक भी काम नहीं कर पा रही है। लॉकडाउन की वजह से करीब दो महीने तक विमानों का परिचालन बंद रहने के बाद 25 मई से घरेलू उड़ानों के लिए अनुमति दी गई है।
उड़ानों की क्षमता पर लगी बंदिश हटाने के लिए सुझाव
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘सरकार सामान्य स्थिति बहाल करना चाहती है और यही वजह है कि जनवरी के मध्य से उड़ानों की क्षमता पर लगी बंदिश हटाने के लिए सुझाव मांगे जा रहे हैं। इस बारे में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।’ मगर इंडिगो के अलावा सभी विमानन कंपनियों (Aviation companies) का कहना है कि क्षमता बढ़ाने का फैसला मार्च तक टाल दिया जाना चाहिए क्योंकि अगले तीन महीने के लिए टिकटों की अग्रिम बुकिंग बहुत कम है।
इंडिगो के पास 265 विमान
इंडिगो (Indigo Flight) के पास 265 विमान हैं और वह क्षमता बढ़ाना चाहती है। वह सरकार से लगातार मांग कर रही है कि उड़ानों की क्षमता और किराये से बंदिश हटाई जाए। सामान्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी की वजह से विमानन कंपनियों (Aviation companies) को देसी परिचालन बढ़ाने की जरूरत है। ऐसा नहीं हुआ तो विमान खड़े रहने के कारण लागत बढऩे का जोखिम है। दिसंबर में इंडिगो (Indigo Flight) ने कोविड से पहले की उड़ानों की तुलना में करीब 78 फीसदी विमानों को परिचालन में लगाया है।
नए हवाई अड्डों के विस्तार से क्षेत्रीय उड़ान का बढ़ेगा दायरा