नई दिल्ली। आगामी बजट 2021-22 (Budget 2021-22) में घरेलू इस्पात उद्योग (Steel industry) ने एंथ्रेसाइट कोयला (Anthracite coal), मेटालर्जिकल कोक (metallurgical coke), कोकिंग कोयला (coking coal) और ग्रेफाइट इलेक्ट्रॉड (Graphite electrode) जैसे कच्चे माल पर मूल सीमा शुल्क में कटौती की मांग की है। उद्योग मंडल सीआईआई ने इस्पात क्षेत्र को लेकर आगामी बजट के लिये दी गयी सिफारिशों में कहा कि बेहतर गुणवत्ता व इन वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से इस्पात उद्योग की वद्धि पर प्रभाव पड़ता है।
अच्छी गुणवत्ता में इन उत्पादों की उपलब्धता घट रही
उद्योग जगत ने एंथ्रेसाइट कोयला पर मौजूदा मूल सीमा शुल्क 2.5% को घटाकर शून्य करने का सुझाव देते हुए कहा कि देश में अच्छी गुणवत्ता में इन उत्पादों की उपलब्धता घट रही है व इस्पात उद्योग (Steel industry) को नियमित आधार पर इन वस्तुओं के आयात पर निर्भर होना पड़ सकता है। सीआईआई (CII) ने मेटालर्जिकल कोक के लिये आयात शुल्क मौजूदा 5% से कम कर 2.5% करने का सुझाव दिया।
कोकिंग कोल पर आयात शुल्क 2.5%
उद्योग मंडल के अनुसार कम राख वाले मेटालर्जिकल कोक (एच एस कोड 2704) स्टील बनाने के लिये प्रमुख कच्चा माल है। कच्चे माल की कुल लागत में इसकी हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है। शुल्क में कटौती से घरेलू इस्पात उद्योग को लागत के हिसाब से प्रतिस्पर्धी होने में मदद मिलेगी। फिलहाल कोकिंग कोल (coking coal) पर आयात शुल्क 2.5% है। अपनी सिफारिशों में सीआईआई (CII) ने कोकिंग कोयले पर भी आयात शुल्क कम करने का सुझाव दिया है। कोकिंग कोयले (coking coal) की घरेलू आपूर्ति पर्याप्त नहीं है, इसीलिए घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिये, इसका आयात करना होता है। इस पर शुल्क घटाकर शून्य किया जाना चाहिए।
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