जयपुर। टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच टीवी रेटिंग्स (TV Ratings) जारी करने वाली संस्था ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (Broadcast Audience Research Council) (BARC) ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल इस संस्था ने 12 महीने के लिए रेटिंग्स न जारी करने का फैसला किया है। यानी अब यह संस्था तीन महीने तक साप्ताहिक रेटिंग्स जारी नहीं करेगी। फिलहाल टीआरपी से छेड़छाड़ का मामला अदालत में विचाराधीन है।
टीआरपी में घोटाला हो रहा था
वहीं, मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Mumbai Police commissioner parambeer singh) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया कि टीआरपी में घोटाला हो रहा था। कुछ चैनल कोशिश कर रहे थे कि वो किसी तरह से टीआरपी को अपनी तरफ खींच लें, लेकिन अब BARC ने फैसला लिया है कि अगले तीन महीनों तक टीआरपी जारी नहीं की जाएगी।
30 हजार बैरोमीटर (People’s Meter) लगाए गए
मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Mumbai Police commissioner parambeer singh) ने बताया कि देशभर में अलग-अलग जगहों पर 30 हजार बैरोमीटर (People’s Meter) लगाए गए हैं। मुंबई में इन मीटरों को लगाने का काम हंसा नाम की संस्था ने किया था। मुंबई पुलिस का दावा है कि हंसा के कुछ पुराने वर्करों ने जिन घरों में पीपल्स मीटर लगे थे, उनमें से कई घरों में जाकर वे लोगों से कहते थे कि आप 24 घंटे अपना टीवी चालू रखिए और फलां चैनल लगाकर रखिए। इसके लिए वे लोगों को पैसे भी देते थे। मुंबई पुलिस का दावा है कि अनपढ़ लोगों के घरों में भी अंग्रेजी के चैनल को चालू करवाकर रखा जाता था।
टेलीविजन रेटिंग बताने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था BARC
बता दें कि ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) टेलीविजन रेटिंग बताने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था है, जिसका गठन 2014 में किया गया था। टैम के साथ किए गए जॉइंट वेंचर के बाद, यह भारत के ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर में एक मात्र टेलीविजन मेजरमेंट निकाय है, जिसका मुख्यालय मुंबई में है।
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