नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (goods and services Tax) (जीएसटी) (GST) मुआवजे के मसले पर सोमवार को होने वाली जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक में अस्थायी तौर पर कुछ समाधान निकल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वित्तीय दबाव का सामना कर रहे राज्य इस मामले को और टालने के पक्ष में नहीं हैं। आपत्ति जता रहे केरल जैसे कुछ राज्य केंद्र के 1.1 लाख करोड़ रुपये आरबीआई विंडो के विकल्प के साथ समझौता कर सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय का रुख!
हालांकि ऐसे राज्य मुआवजा तंत्र के लिए विवाद समाधान निकाय गठित करने की अपनी मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख भी कर सकते हैं। अब तक 21 राज्यों ने आरबीआई विंडो के विकल्प को अपनाया है।
21 राज्यों ने पहले विकल्प को चुना
केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजक ने कहा, ’21 राज्यों ने पहले विकल्प को चुना है और हम भी पहले विकल्प को अपना सकते हैं लेकिन हम इस मसले पर उच्चतम न्यायालय या विवाद निपटान व्यवस्था में जा सकते हैं। अगर केंद्र आगे बातचीत नहीं करना चाहती है और इसे लागू कराना चाहती है तो हम उसे अपनाएंगे लेकिन इस मसले के विवाद का निपटारा कराना चाहेंगे।’ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन शासित राज्य उधारी प्रक्रिया में तेजी लाने पर दबाव देंगे।
उधार लेकर राज्यों को पैसे दे
पुदुच्चेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि यह जीएसटी परिषद के पक्ष में होगा कि इस मसले का जल्द से जल्द समाधान करे। हर कोई इसका समाधान चाहता है और इसे आगे टालने के पक्ष में नहीं है। हम जीएसटी परिषद के साथ हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि यह केंद्र की सांविधिक बाध्यता है कि वह उधार लेकर राज्यों को पैसे दे।
12 अक्टूबर को फिर GST बैठक
5 अक्टूबर को हुई परिषद (GST Council) की बैठक बेनतीजा साबित हुई थी और मामले पर विचार के लिए 12 अक्टूबर को फिर बैठक बुलाई गई है। असम के वित्त मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि मतदान से इस मुद्दे का तेजी से हल निकल सकता है तो ऐसा किया जाना चाहिए। शर्मा ने कहा कि पिछले दो महीने से इस मामले पर विचार चल रहा है और मुआवजा जल्द चाहिए तो कोई न कोई उपाय करना होगा।