नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Petroleum Minister Dharmendra Pradhan) ने मंगलवार को कहा कि भारत आपूर्ति पक्ष के जोखिम को कम करने के लिए अमेरिका (America) और वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य अन्य स्थानों में कच्चे तेल का भंडारण करने की संभावनाएं तलाश रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश (Oil importing country) है।
अमेरिका, रूस और अंगोला से कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए समझौता
भारत ने तेल आयात में विविधता लाने के लिए उतार-चढ़ाव भरे पश्चिम एशिया के परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं के अलावा अमेरिका (America), रूस (Russia) और अंगोला (Angola) से लंबे समय तक कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए समझौता किया है। उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत (Self reliant india) के लिए ऊर्जा सुरक्षा’ पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब 30 से अधिक देशों से कच्चे तेल का आयात कर रहा है, जिसमें अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका के साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अमेरिका और अन्य व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य स्थानों में कच्चे तेल के भंडारण (Crude oil storage) की संभावनाएं तलाश रहे हैं।’
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