जयपुर। कोरोना संकट की वजह से अप्रैल से जून की इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल से जून तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिये हैं। थोड़ी देर पहले आए कोर सेक्टर के आंकड़ों ने भी निराश किया है। जुलाई महीने में आठ इंडस्ट्री के उत्पादन में 9.6 फीसदी की गिरावट आई है।
गिरावट की वजह
गौरतलब है कि इस तिमाही में दो महीने यानी अप्रैल और मई में लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप रही है और जून में भी इसमें थोड़ी ही रफ्तार मिल पाई। इस वजह से रेटिंग एजेंसियों और इकोनॉमिस्ट ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि जून तिमाही के जीडीपी में 16 से 25 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
तिमाही में कारोबार पर काफी बुरा असर
अगर ऐसा हुआ तो यह ऐतिहासिक गिरावट होगी। औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों, केंद्र और राज्य सरकारों के व्यय आंकड़ों, कृषि पैदावार और ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग, बीमा आदि कारोबार के प्रदर्शन के आंकड़ों को देखते हुए यह आशंका जाहिर की जा रही है। जानकारों का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग, निर्माण, व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार आदि सेक्टर देश की जीडीपी में करीब 45 फीसदी का योगदान रखते हैं और पहली तिमाही में इन सभी सेक्टर के कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है।
जीडीपी में 25 फीसदी की गिरावट का अनुमान
रेटिंग एजेंसी इकरा (Rating agency ICRA) ने जीडीपी में 25 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था। इसी तरह इंडिया रेटिंग्स ने जीडीपी में करीब 17 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था। भारतीय स्टेट बैंक के ग्रुप इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने जीडीपी में 16.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था।
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