जयपुर। केंद्र ने गुरुवार को जीएसटी राजस्व (GST Revenue) में कमी की भरपाई के लिये राज्यों द्वारा उधार जुटाने के लिये जीएसटी परिषद (GST Meetings) के समक्ष दो विकल्प रखे। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था असाधारण प्राकृतिक आपदा का सामना कर रही है। इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है।
चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति राज्यों को
केंद्र के आकलन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसमें से 65,000 करोड़ रुपये की भरपाई जीएसटी के अंतर्गत लगाये गये उपकर से प्राप्त राशि से होगी। इसीलिए कुल कमी 2.35 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे (Ajay Bhushan pandey) ने कहा कि इसमें से 97,000 करोड़ रुपये जीएसटी की कमी की वजह से जबकि शेष का कारण कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव है।
विकल्प
पांडे ने कहा कि रिजर्व बैंक से विचार-विमर्श के बाद राज्यों को विशेष विकल्प उपलब्ध कराये जा सकते हैं। इसके तहत वाजिब ब्याज दर 97,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जा सकते हैं। राशि का भुगतान पांच साल बाद (जीएसटी लागू होने के) 2022 के अंत में उपकर संग्रह से किया जा सकता है। राज्यों के पास दूसरा विकल्प यह है कि वे क्षतिपूर्ति की पूरी राशि 2.35 लाख करोड़ रुपये विशेष उपाय के तहत कर्ज लें। पांडे ने कहा, ‘‘राज्यों को इन प्रस्तावों पर विचार के लिये सात दिन का समय दिया गया है।’’