जयपुर। केन्द्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) 2023 तक बनाने का लक्ष्य है। गडकरी ने मध्य प्रदेश में 11,427 करोड़ रुपये लागत की 45 सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के मौके पर ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘एक लाख करोड़ रुपये की लागत से संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा हाईवे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) 2023 तक बनकर पूरा हो जायेगा।’ राज्य की इन 45 परियोजनाओं में से 26 पूरी हो चुकी हैं और 19 के लिये मंगलवार को शिलान्यास किया गया।
12 घंटे में होगी दूरी पूरी
गडकरी ने कहा कि आठ लेन एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway 8 Lane) निर्माण के बाद दिल्ली और मुंबई की दूरी को 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इसमें से 244 किलोमीटर का हिस्सा मध्य प्रदेश से गुजरेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस एक्सप्रेस-वे के साथ औद्योगिक और ‘लॉजिस्टिक हब’ विकसित करने की योजनाएं तैयार करने के लिये कहा।
चंबल एक्सप्रेसवे : 8,000 करोड़ रुपये की लागत
8,000 करोड़ रुपये की लागत वाले 358 किलोमीटर लम्बे चंबल एक्सप्रेसवे (Chambal Expressway) की मंजूरी की भी घोषणा की। यह कोटा-श्योपुर-इटावा के जरिये मध्य प्रदेश को उत्तर प्रदेश और राजस्थान से जोड़ेगा। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के राज्य मंत्री वी के सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
योजना की स्वीकृति की मांग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाइपास सड़कों के निर्माण और कस्बों से गुजरने वाले राजमार्गों के उन्नयन के लिये 182 करोड़ से अधिक धनराशि की योजना की स्वीकृति की मांग की। मुख्यमंत्री ने गडकरी से अमकंटक से गुजरात की सीमाओं को जोड़ने वाले नर्मदा एक्सप्रेसवे परियोजना को भी स्वीकृत करने का आग्रह किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण से समय और ईंधन की बचत होगी।
समीप होंगे औद्योगिक कलस्टर विकसित
चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी के किनारे प्रस्तावित इस एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक कलस्टर भी विकसित किये जायेंगे। चौहान ने प्रदेश में प्रस्तावित राम वन गमन पथ के विकास के लिये केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से सहायता और मार्गदर्शन भी मांगा।