मुंबई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) (India Premium League-2020) के 2020 संस्करण के लिए टाइटल प्रायोजक (IPL Title sponsor ) को लेकर ऊहापोह आज खत्म हो गई। गेमिंग ऐप ड्रीम11 (Gaming app dream11) ने 222 करोड़ रुपये की बोली लगाकर टाइल प्रायोजक का अधिकार हासिल कर लिया है। आईपीएल (IPL) के आयुक्त बृजेश पटेल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ड्रीम11 की बोली दो अन्य दावेदारों अनएकेडमी (Unacedemy) और बैजूस (Byju’s) को पीछे छोड़कर टाइटल प्रायोजक बन गई।
टाटा समूह ने बोली नहीं लगाई
अनएकेडमी (Unacedemy) ने 171 करोड़ रुपये और बैजूस ने 201 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। पटेल ने कहा कि टाटा समूह (tata group) ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन उसने बोली नहीं लगाई। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास टाइटल प्रायोजक के लिए तीन स्टार्टअप थे। कोई तर्क दे सकता है कि इनमें चीन का निवेश है, तब प्रायोजक बदलने का क्या मतलब हुआ। लेकिन ये फर्में निवेश को किनारे कर प्रायोजन अधिकार हासिल करनेे को तैयार थीं और बाद में उन्होंने बोली लगाई। अन्य ने ऐसा नहीं किया।’
टूर्नामेंट की सहायक साझेदारी गेमिंग ऐप कंपनी
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि गेमिंग ऐप कंपनी आईपीएल (IPL) की टाइटल प्रायोजक बनने के बाद इस टूर्नामेंट की सहायक साझेदारी को छोड़ेेगी या नहीं। इस बारे में आईपीएल का संचालक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) जल्द ही निर्णय लेगा।
इन कंपनियों ने भी दिखाई थी दिलचस्पी
मामले के जानकार एक शख्स ने कहा कि टाटा समूह के अलावा, रिलायंस जियो (Reliance JIO), एमेजॉन (Amazon) और पतंजलि (Pantanjali) ने भी टाइटल प्रायोजक का अधिकार हासिल करने में दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन जियो और पतंजलि के मामले में हितों के टकराव और ब्रांड के अनुकूल नहीं होने का मसला सामने आ गया, वहीं एमेजॉन लंबे समय का करार चाह रही थी जबकि टाइटल प्रायोजक के लिए साढ़े चार माह का ही करार किया जाना है।