मुंबई। देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industry) फ्यूचर रिटेल (Future Retail) के अधिग्रहण को अंतिम रूप देने में लगी है। इस सौदे में फ्यूचर समूह (Future Group) की किराना और लॉजिस्टिक्स इकाई भी शामिल होगी। बैंकरों ने बताया कि अधिग्रहण योजना में केवल फ्यूचर रिटेल (Future Retail) ही नहीं होगी बल्कि समूह की लॉजिस्टिक्स फर्म फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस (Future Supply Chain Solutions) और फ्यूचर कंज्यूमर (Future consumer) भी शामिल होगी। घटनाक्रम के जानकार एक सूत्र ने बताया, ‘सौदे के तहत Future Group की कई कंपनियों का विलय होगा।’
Reliance Industry का शेयर 7.1 फीसदी चढ़ गया
कर्ज में फंसी Future Retail के अधिग्रहण के लिए ऋणदाताओं के साथ सौदे को अंतिम रूप दिए जाने की खबर से रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर (Reliance Industry share) आज 7.1 फीसदी चढ़ गया जिससे कंपनी का मूल्यांकन 13.74 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। Future Retail का शेयर भी 4.39 फीसदी चढ़ा और फ्यचूर सप्लाई चेन में 3.68 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
Future Group पर 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज
सूत्रों के अनुसार Future Group के प्रवर्तक किशोर बियाणी की Future Retail तथा अन्य कंपनियों में 41.73 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी है। ऐसे में ऋणदाताओं की बियाणी के कर्ज को इक्विटी में बदलने की योजना है, और सौदे के बाद उन्हें रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के शेयर मिलेंगे। बियाणी की प्रवर्तक इकाइयों पर पिछले साल सितंबर तक करीब 12,778 करोड़ रुपये का कर्ज था। समूह कर्ज नहीं चुका पा रहा है जिसकी वजह से उसे कंपनी बेचनी पड़ रही है।
100 करोड़ रुपये के ब्याज भुगतान में चूक
Future Retail द्वारा 22 जुलाई को 100 करोड़ रुपये के ब्याज भुगतान में चूक करने के बाद बियाणी पर आरआईएल (RIL) के साथ सौदा करने का दबाव बढ़ गया है। इसके अलावा रेटिंग फर्म एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 30 दिन बाद समूह की रिटेल इकाई कर रेटिंग घटाने की भी चेतावनी दी है। एसऐंडपी ने चेताया है कि अगर फ्यूचर रिटेल 30 दिन के अंदर ब्याज का भुगतान कर देती है तब भी उधारी जोखिम की स्थिति बनी रहेगी।
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