नई दिल्ली। भारत तीन दशकों में रेगिस्तानी टिड्डियों (locust) के सबसे गंभीर आक्रमण का सामना कर रहा है। उत्तरी और पश्चिमी भारत में स्थित कई राज्यों पर इसका खतरा बहुत ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार के टिड्डी नियंत्रण अभियान (Locust control campaign) में प्रभावी उत्पादों और फॉर्मूलेशंस, नए वाहनों, अल्ट्रा लो वॉल्यूम स्प्रेयर, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग शामिल है, चूंकि रासायनिक नियंत्रण के उपाय टिड्डी प्रबंधन (locust Management) के लिए अत्यधिक प्रभावी है, इसलिए बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड (Bayer CropScience Ltd), राजस्थान और पंजाब में टिड्डी नियंत्रण गतिविधियों के लिए 5500 लीटर डेल्टामेथ्रिन प्रदान करके सरकार की पहल में योगदान दे रही है।
इनोवेटिव समाधान की आवश्यकता
बायर साउथ एशिया के हेड-एनवॉयरमेंटल साइंस डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि वर्तमान टिड्डी हमलों (locust Attacks) जैसी अप्रत्याशित स्थितियों को समय पर और इनोवेटिव समाधान की आवश्यकता होती है। बायर टिड्डी नियंत्रण के लिए एकीकृत समाधान प्रदान करने के लिए सरकार, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के साथ सहयोग कर रहा है। विभिन्न जानकारों के साथ काम करते हुए हम ड्रोन आधारित टिड्डी नियंत्रण (Locust control) के लिए मानक प्रक्रियाएं बनाएंगे और डेल्टामेथ्रिन जैसे प्रभावी रसायन के साथ ड्रोन परीक्षणों की देखरेख करेंगे। डेल्टामेथ्रिन 1.25 यूएलवी की टिड्डी नियंत्रण के लिए खाद्य और कृषि संगठन द्वारा विश्व स्तर पर सिफारिश की गई है और इसे मार्च 2020 में भारत में टिड्डी नियंत्रण (Locust control) के लिए पंजीकरण समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है।