मुंबई। केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) (IPO) लाने की कवायद शुरू कर दी है। चालू वित्त वर्ष में 2.1 लाख करोड़ रुपये का महत्त्वाकांक्षी विविनेश लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार इसी के सहारे है। विनिवेश के लिए नोडल एजेंसी निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने आज 11 फर्मों का जायजा लिया, जिन्होंने प्रस्तावित आईपीओ के लिए निर्गम से पहले लेनदेन सलाहकार (टीए) बनने के वास्ते आवेदन किया है।
दौड़ में शामिल कंपनियां
विदेशी निवेश बैंकों में से सिटीबैंक (City Bank), सीएलएसए और क्रेडिट सुइस (credit Suisse) ने इस काम के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा ऐक्सिस कैपिटल, एसबीआई काड्र्स (SBI Cards) और एडलवाइस सहित करीब आधा दर्जन घरेलू बैंक और फर्म भी इसकी दौड़ में शामिल हैं। इस काम के लिए आवेदन करने वाली डेलॉयट इंडिया टचे तोमात्सु इकलौती कंपनी है, जो निवेश बैंक नहीं है।
मार्च 2021 से पहले आईपीओ
एलआईसी का आईपीओ (LIC’s IPO) घरेलू पूंजी बाजार में अब तक का सबसे बड़ा निर्गम होगा। उद्योग के भागीदारों ने कहा निर्गम से जुड़ी प्रतिष्ठा को देखते हुए कई फर्में टीए की भूमिका अदा करना चाहती हैं क्योंकि इससे जुड़ी फर्म का रुतबा बहुत बढ़ जाएगा। विशेषज्ञों ने कहा कि टीए चयन करने का मतलब है कि केंद्र का इरादा चालू वित्त वर्ष खत्म होने से पहले ही आईपीओ लाने का है। एलआईसी की सूचीबद्घता के साथ जुड़ी जटिलताओं को देखते हुए कई लोग आशंका जता रहे थे कि सरकार मार्च 2021 से पहले आईपीओ (LIC IPO) नहीं ला पाएगी।