नई दिल्ली। सस्ती विमानन सेवा देने वाली कंपनी इंडिगो (IndiGo) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रणजय दत्ता ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus pandemic) की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट के चलते कंपनी को अपने 10 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करनी होगी। दत्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘मौजूदा जो हालात है, उसमें कंपनी को चलाते रहने के लिए बिना कुछ बलिदान दिए इस आर्थिक संकट से निपट पाना हमारी कंपनी के लिए असंभव हो गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हर संभव उपाय पर गौर करने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि हमें अपने कार्यबल में 10 प्रतिशत की कमी करने का पीड़ादायक फैसला लेने की जरूरत होगी।
इंडिगो के कर्मचारियों की संख्या 23,531
इंडिगो (Indigo) के इतिहास में इतना दुखद कदम पहली बार उठाया जा रहा है।’’ IndiGo के कर्मचारियों की संख्या 31 मार्च 2019 को 23,531 थी। दत्ता ने कहा कि इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को उनके ‘नोटिस पीरियड’ (नौकरी छोड़ने या निकालने की पूर्व सूचना अवधि) का वेतन दिया जाएगा। इसका भुगतान उनके सकल वेतन के आधार पर किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि नोटिस पीरियड के भुगतान के अलावा हटाए जाने वाले कर्मचारियों का कंपनी से निकालने का भुगतान भी किया जाएगा।
इतना मिलेगा वेतन
भुगतान की गणना उनके वेतन पर आने वाली कंपनी की मासिक लागत (कॉस्ट टू कंपनी-सीटीसी/CTC) के आधार पर की जाएगी। यह वेतन उनकी नौकरी की अवधि के प्रत्येक वर्ष के आधार पर अधिकतम 12 महीने के लिए दिया जाएगा। आसान भाषा में समझें तो यदि कोई कर्मचारी छह साल से इंडिगो के साथ है तो उसे सीटीसी के हिसाब से छह माह का वेतन दिया जाएगा। वहीं जिस कर्मचारी ने 12 वर्ष या उससे अधिक अवधि के लिए अपनी सेवाएं इंडिगो को दी हैं तो उसे कंपनी से निकाले जाने का अधिकतम 12 महीने का ही वेतन दिया जाएगा।