नयी दिल्ली। भारतीय बैंक संघ (Indian Banks Association) (आईबीए) कर्ज देने के मामले में बैंकिंग को सुगम बनाने पर काम कर रहा है और Covid-19 संकट के बीच तेजी से निर्णय लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आईबीए (IBA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता ने शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि सदस्य बैंक ऋण उत्पादों के डिजिटलीकरण पर काम कर रहे हैं ताकि ऋण की प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो।
अधिक डिजिटल ऋण उत्पाद
उन्होंने कहा, ‘बैंकिंग में सुगमता IBA के प्रमुख एजेंडे में से एक है और बैंकर इसके बारे में सोच रहे हैं। बैंकरों को तेजी से वितरण के बारे में सोचना होगा। बैंक इस महामारी को अपने ऋण उत्पादों के डिजिटलीकरण के लिये अवसर में बदल रहे हैं। अब से 6 महीने बाद आप अधिक डिजिटल ऋण उत्पाद पायेंगे।’
Banking पिछले 10 वर्षों के दौरान बदल गई
उन्होंने ‘पीएसबी लोन्स इन 59 मिनट्स’ (PSB Loans in 59 Minutes) पोर्टल का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के ‘एल्गोरिदम’ आधारित निर्णय लेने के मंच को ऋण की पूरी अवधि तक के लिये प्रभावी बनाया जा सकता है, ताकि मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो। उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित एक वेबिनार में उन्होंने कहा,’ बैंकिंग पिछले 10 वर्षों के दौरान बदल गई है। आगे इसमें और बदलाव होने जा रहे हैं। इन सुधारों की वास्तव में जरूरत है। बैंकर्स इस पर काम कर रहे हैं।’
बैंक ऋणों के पुनर्वास व पुनर्गठन के अनुरोध के लिये खुले : एसबीआई
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) (State bank of India) के प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार खारा ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) को सभी तरह के समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा कि बैंक ऋणों के पुनर्वास व पुनर्गठन के अनुरोध के लिये खुले हैं। खारा ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों जैसे आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन को अच्छी तरहे से संभालने की आवश्यकता होगी। मेहता ने भी इसी तरह के विचार रखते हुए कहा कि सरकार ने RBI से अनुरोध किया है कि वह Corona pandemic से पीड़ित कुछ क्षेत्रों के लिये एकबारगी पुनर्गठन योजना पर विचार करे।