जयपुर। कोरोना महामारी के संकट (Corona pandemic) काल में अब खाने-पीने की चीजें भी महंगी (Food and drink also expensive) होने लगी हैं। खासतौर से सब्जियों के दाम में बीते एक महीने में जोरदार इजाफा हुआ है। तमाम सब्जियों के खुदरा दाम में 25 फीसदी से 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
टमाटर के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा
कोरोना महामारी के संकट काल में अब खाने-पीने की चीजें भी महंगी होने लगी हैं। खासतौर से सब्जियों के दाम में बीते एक महीने में जोरदार इजाफा हुआ है। तमाम सब्जियों के खुदरा दाम में 25 फीसदी से 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। टमाटर के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा (Tomato prices rise the most) हुआ है। सब्जी कारोबारी बताते हैं कि बरसात में फसल खराब होने से कीमतों में बढ़ोतरी हुई।
बरसात के सीजन में आवक कम
आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति (Azadpur Agricultural Produce Marketing Committee) (एपीएमसी) के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने बताया कि बरसात के सीजन में आवक कम होने से ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमतों में बीते एक महीने में वृद्धि दर्ज की गई है। खान के मुताबिक, डीजल की महंगाई के चलते भी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, सब्जी कारोबारी बताते हैं कि डीजल महंगा होने से सब्जियों की ढुलाई का खर्च बढ़ गया है।
बरसात सीजन शुरू होने पर आमतौर पर फसल खराब
हालांकि ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता मुनेंद्र को अपने खेतों से दुकानों तक सब्जी लाने में ढुलाई का कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ता है, लेकिन वह भी पहले के मुकाबले अब ऊंचे दाम पर सब्जी बेचता है। मुनेंद्र ने अपनी दुकान से महज एक किलोमीटर की दूरी पर कुछ बिगहे जमीन पट्टा पर लेकर उसमें बैगन, लौकी, करेला, भिंडी, खीरा आदि सब्जियों की खेती की है। मुनेंद्र ने बताया कि बरसात का सीजन शुरू होने पर आमतौर पर फसल खराब होने लगती है, जिससे उपज कम होती है। यही कारण है कि सब्जियों की कीमतें बढ़ रही है। ओखला मंडी के आढ़ती विजय अहूजा ने बताया कि बरसात के सीजन में हर साल सब्जियों की आवक कम हो जाती है जिससे कीमतों में तेजी रहती है।