नई दिल्ली। सीमा पर तनाव (Border tension) बढऩे के बाद व्यापार मोर्चे पर भी भारत और चीन (India-China) आमने-सामने आ गए हैं। तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच हॉन्ग कॉन्ग और चीन में अधिकारियों ने भारत से आई निर्यात खेप पर सख्ती कर दी है और इनकी जांच शुरू कर दी है। फेडेरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (Federation of Indian Export Organizations) (फियो) ने सरकार को यह इत्तला दी है। इससे पहले भारत चीन से आई वस्तुओं की जांच शुरू कर चुका है और समझा जा रहा है कि चीन ने भी इसके जवाब में अपना रुख कड़ा कर लिया है।
चीन से आई निर्यात खेप की जांच का आदेश
गुरुवार को फियो (Federation of Indian Export Organizations) ने कहा कि भारत में कई बंदरगाहों पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने चीन (China export) से आई निर्यात खेप की अचानक जांच का आदेश दे दिया। फियो ने कहा कि सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है। बकौल फियो भारत के कदम के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए हैं।
बंदरगाहों पर आयातित वस्तुओं का जखीरा खड़ा
फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने वाणिज्य सचिव अनूप वधावन को लिखे पत्र में कहा, ‘हालांकि अधिकारियों ने आदेश तो दिया है, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी कोई सूचना नहीं है। इससे बंदरगाहों पर आयातित वस्तुओं का जखीरा खड़ा हो गया है। कुछ निर्यातकों ने बताया है कि भारत के कदम के बाद हॉन्ग और चीन के सीमा शुल्क विभाग ने भी भारत से आए सामान की जांच शुरू कर दी है।’
चीन और भारत से इतना होता है निर्यात
निर्यातकों की इकाई ने वाणिज्य विभाग से आग्रह किया है कि वह इस पूरे मामले पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईटी) को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दे। फियो ने कहा कि जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती है तब तक चीन और हॉन्ग कॉन्ग में आयात (Import into China and Hong Kong) साझेदार अचानक आई इस बाधा से नहीं निपट पाएंगे। फियो के महानिदेशक अजय साहनी ने कहा ‘चीन का भारत में निर्यात उनके कुल निर्यात का महज 2.8 प्रतिशत है। दूसरी तरफ भारत के कुल निर्यात का 5.4 प्रतिशत हिस्सा चीन जाता है।’ साहनी ने कहा कि भारत से चीन को अधिक निर्यात के मद्देनजर सभी बिंदुओं पर सोच-विचार के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए।