Jaipur. सरकार 12 राज्यों के 23 शहरों के बीच 5,500 किलोमीटर के मौजूदा राजमार्ग को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत अपग्रेड करते हुए इलेक्ट्रिक
वाहनों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (NHEV) बनाने की योजना को अंतिम रूप दे रही है। इस ई-हाइवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग पॉइंट एवं अन्य सुविधाओं के साथ 111 स्टेशन होंगे। सबसे लंबा ई-हाइवे (558 किमी) बेंगलूरु और गोवा के बीच होगा जहां 11 स्टेशन होंगे और सबसे छोटा ई-हाइवे (111 किमी) अहमदाबाद से वडोदरा के बीच होगा जहां केवल 2 स्टेशन होंगे।
जमार्ग को ई-हाइवे में बदलने पर औसतन करीब 64 लाख रुपये प्रति किलोमीटर लागत
तकनीक को बढ़ावा देने वाली भारत सरकार की एजेंसी Ease of Doing Business (EODB) द्वारा परीक्षण के तौर पर दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयपुर ई-हाइवे परियोजनाओं की सफलता के बाद यह पहल की गई है। किसी राजमार्ग को ई-हाइवे में बदलने पर औसतन करीब 64 लाख रुपये प्रति किलोमीटर अथवा कुल 3,672 करोड़ रुपये की लागत पड़ेगी। EODB की योजना के अनुसार प्रत्येक स्टेशन (1.5 एकड़ से 2 एकड़ में) पर चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग सुविधा होगी। इसके अलावा वहां लॉजिस्टिक्स सुविधाएं, रेस्तरां और टॉयलेट भी होंगे। जियो-फेंसिंग, ब्रेकडाउन बैकअप और इलेक्ट्रिक कारों एवं बसों के बेड़े की खरीद पर भी निवेश किया जाएग।
परियोजना एन्युटी हाइब्रिड ई-मोबिलिटी मॉडल के तहत लागू
यह परियोजना एन्युटी हाइब्रिड ई-मोबिलिटी मॉडल के तहत लागू की जाएगी। इसमें 90 दिनों में किसी भी 300 किमी राजमार्ग या एक्सप्रेसवे को चार्जिंग पॉइंट, इलेक्ट्रिक कार एवं इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े के साथ ई-हाइवे में बदलने की क्षमता होगी। इससे लोगों को पेट्रोल वाहनों के मुकाबले काफी कम खर्च में यात्रा करने की सुविधा मिलेगी।