मुजफ्फरपुर. बालिका गृह में यौन उत्पीडऩ की शिकार हुई 30 लड़कियां मानसिक तौर पर बुरी तरह बीमार पाई गई हैं। इनमें से कुछ ने आत्महत्या और खुद को शारीरिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। पटना के दो प्रमुख अस्पतालों नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल और कोईलवर स्थित मानसिक अस्पताल के डॉक्टरों ने बलात्कार और शारीरिक यातना की शिकार हुई बच्चियों का इलाज करने की कोशिश की लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ। अब यूनिसेफ की मदद से हैदराबाद स्थित एनफोल्ड इंडिया और एम्स के डॉक्टरों की एक टीम २३ जुलाई को पटना पहुंची जो लड़कियों का इलाज करेगी। इससे पहले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की ऑडिट रिपोर्ट में यौन उत्पीडऩ का सनसनीखेज खुलासा होने के बाद 31 मई को ही मुजफ्फरपुर बालिका गृह की 42 बच्चियों को पटना और मधुबनी भेज दिया गया थाण् पिछले हफ्ते मेडिकल रिपोर्ट से 24 लड़कियों के साथ रेप की पुष्टि हुई है जिनमें एक सात साल की बच्ची भी शामिल है। बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक राज कुमार के अनुसार जो लड़कियां पटना आईं उन्होंने एक हफ्ते बाद ही अजीब व्यवहार करना शुरू कर दिया। एनएमसीएच के डॉक्टर संतोष कुमार ने इनका इलाज करने की कोशिश की लेकिन खास फायदा नहीं हुआ।
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